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Khwaja Peer | Dargah Khwaja Peer | History Khwaja Peer Ki

Updated: 36m

Khwaja Peer, or Khwaja Garib Nawaz, is regarded as one of the most prominent Sufi saints of India, a figure and spirit representing love and brotherhood.


His lessons advocate love and service to mankind, and pilgrims flock to his shrine in Ajmer. As a guide for millions Dargah Khwaja Peer received reverence whose legacy lives on around the world through prayer, zikr and music and gatherings.


हज़रत ख्वाजा पीर के पास जब कोई आता था तो उसे बहुत सुकून मिलता था और वह शख्स अल्लाह के क़रीब हो जाता था और इबादत करने लगता था। ख्वाजा गरीब नवाज़ के पास जो कोई बैठता था, सबसे पहले उसके दिल की सफ़ाई की जाती थी। क्योंकि जब तक दिल साफ़ नहीं होता, इंसान सहीं तरह से भक्ति नहीं कर सकता और अल्लाह के क़रीब भी नहीं पहुँच पाता।


यही वजह है कि जब भी हज़रत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती र.अ. का नाम आता है तो लोग मोहब्बत दिखाते हैं। उन्होंने सब इंसानों को एक-दूसरे के क़रीब जोड़ा और सिखाया कि कोई छोटा बड़ा नहीं होता, सब अल्लाह के बन्दे हैं। उन्होंने नफ़रत नहीं, मोहब्बत का पैग़ाम दिया। यह खास संदेश आज भी सबके दिलों में सुकून देता है।


इसी लिए अजमेर दरगाह शरीफ़ में दुनिया भर से लोग आते हैं और सुकून पाते हैं। इस दरगाह में ख़ास अल्लाह तआला का करम और रहमत है। यहाँ जो भी दुआ मांगी जाती है, अक्सर पूरी होती है। जब कोई यहाँ मन्नत लेता है तो उसकी मन्नत पूरी हो जाती है और यहाँ आने वाले को एक पैग़ाम मिलता है, एक-दूसरे की इज़्ज़त करो और लोगों की मदद करो। ज़रूरतमंद की ज़रूरत पूरी करो, भूखे को खाना खिलाओ, प्यासे को पानी पिलाओ, चाहे इंसान हो या जानवर, सबका ख़्याल रखो। किसी से नफ़रत मत करो। हज़रत ख्वाजा पीर का यह पैग़ाम इंसान की भक्ति को मजबूत बनाता है।


Ajmer Sharif Ka Urs Kab Hai

"Find out Ajmer Sharif ka Urs kab hai and how you can be part of this sacred event."


Khwaja Peer

 
 

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Love Towards All Malice Towards None

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